NCERT Solutions for Class 11 Humanities Hindi Chapter 5 शेखर जोशी are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for शेखर जोशी are extremely popular among Class 11 Humanities students for Hindi शेखर जोशी Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 11 Humanities Hindi Chapter 5 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 11 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.
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Question 1:
कहानी के उस प्रसंग का उल्लेख करें, जिसमें किताबों की विद्या और घन चलाने की विद्या का जिक्र आया है।
Answer:
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Question 2:
धनराम मोहन को अपना प्रतिद्वंद्वी क्यों नहीं समझता था?
Answer:
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Question 3:
धनराम को मोहन के किस व्यवहार पर आश्चर्य होता है और क्यों?
Answer:
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Question 4:
मोहन के लखनऊ आने के बाद के समय को लेखक ने उसके जीवन का एक नया अध्याय क्यों कहा है?
Answer:
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Question 5:
मास्टर त्रिलोक सिंह के किस कथन को लेखक ने ज़बान के चाबुक कहा है और क्यों?
Answer:
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Question 6:
(1) बिरादरी का यही सहारा होता है।
क. किसने किससे कहा?
ख. किस प्रसंग में कहा?
ग. किस आशय से कहा?
घ. क्या कहानी में यह आशय स्पष्ट हुआ है?
(2) उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य-
क. किसके लिए कहा गया है?
ख. किस प्रसंग में कहा गया है?
ग. यह पात्र-विशेष के किन चारित्रिक पहलुओं को उजागर करता है?
Answer:
ख. जब रमेश ने वंशीधर को शहर ले जाकर अच्छे विद्यालय में पढ़ाने की बात कही, तब वंशीधर ने उससे यह बात कही। उसकी बात सुनकर वे प्रसन्न हो गए। उन्हें मोहन का सुनहरा भविष्य शहर में दिखाई देने लगा।
ग. अपनी जाति की एकता और प्रेम को दिखाने के लिए तथा रमेश के प्रति धन्यवाद व्यक्त करने हेतु कहा गया।
घ. कहानी में इसका आशय स्पष्ट नहीं हुआ बल्कि इसके विपरीत ही दिखाई दिया। रमेश तथा उसके परिवार ने मोहन का भविष्य नष्ट कर दिया और होनहार मोहन के भविष्य को चौपट कर दिया। उन्होंने मोहन को अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग किया।
(2) उसकी आँखों में एक सर्जक की चमक थी- कहानी का यह वाक्य-
क. यह कथन मोहन के लिए कहा गया है।
ख. जब मोहन ने धनराम के लोहे को अपनी चोटों से इच्छित आकार दे दिया, तब उसकी आँखों में यह सर्जक की चमक दिखाई दी।
ग. यह पात्र-विशेष के उस चारित्रिक विशेषता का सूचक हैं, जहाँ उसके परिश्रम का पता चलता है और जाति के स्थान पर कार्य के प्रति प्रेम को दर्शाता है।
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Question 1:
गाँव और शहर, दोनों जगहों पर चलने वाले मोहन के जीवन-संघर्ष में क्या फर्क है? चर्चा करें लिखें।
Answer:
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Question 2:
एक अध्यापक के रूप में त्रिलोकसिंह का व्यक्तित्व आपको कैसा लगता है? अपनी समझ में उनकी खूबियों और खामियों पर विचार करें।
Answer:
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Question 3:
'गलता लोहा' कहानी का अंत एक खास तरीके से होता है। क्या इस कहानी का कोई अन्य अंत हो सकता है? चर्चा करें।
Answer:
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Question 1:
पाठ में निम्नलिखित शब्द लोहकर्म से संबंधित हैं। किसका क्या प्रयोजन है? शब्द के समाने लिखिए-
1. धौंकनी ....................
2. दराँती ....................
3. सँड़सी ....................
4. आफर ....................
5. हथौड़ा ....................
Answer:
1. धौंकनी- कोयले में आग सुलगाने के लिए।
2. दराँती- घास, पौधों, फल, सब्ज़ियों को काटने के लिए।
3. सँड़सी- ठोस तथा गरम वस्तु को पकड़े के लिए।
4. आफर- लोहे की धातु से सामान बनाने की दुकान।
5. हथौड़ा- चीज़ों को ठोकने या चोट मारने के लिए।
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Question 2:
Answer:
संयुक्त क्रिया शब्द इस प्रकार हैं-
(क) घूम-फिरकरः मैं घूम-फिरकर फिर यहीं आ गया।
(ख) उठा-पटक करः बच्चे पूरे दिन घर में उठा-पटक कर अब सोए हैं।
(ग) सहमते-सहमतेः मैं सहमते-सहमते घर के अंदर आई।
(घ) घूर-घूरकरः अध्यापक मुझे घूर-घूरकर देख रहे थे।
(ङ) पहुँचते-पहुँचतेः मुझे पहुँचते-पहुँचते देर हो गई।
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Question 3:
बूते का प्रयोग पाठ में तीन स्थानों पर हुआ है, उन्हें छाँटकर लिखिए और जिन संदर्भों में उनका प्रयोग है, उन संदर्भों में उन्हें स्पष्ट कीजिए।
Answer:
वंशीधर दान-दक्षिणा के बूते पर परिवार का आधा पेट भर पाते हैं।
इस पंक्ति में 'बूते पर' शब्द का अर्थ बल पर है। अर्थात वह दान-दक्षिणा के बल पर ही परिवार का पेट पालते थे।
(ख) आरंभ में जब वह पंडित वंशीधर की अधिक उम्र को दर्शाना चाहते हैं, तब 'बूते की' शब्दों का प्रयोग होता है। प्रसंग इस प्रकार है-
सीधी चढ़ाई चढ़ना पुरोहित के बूते की बात नहीं थी।
इस पंक्ति पर 'बूते की' शब्द का अर्थ पंडित की असमर्थता दिखाने के लिए किया गया है। अर्थात अब सीधी चढ़ाई पर चढ़ना उनके समर्थ नहीं थे।
(ग) जब वंशीधर के कार्य करने की असमर्थता दिखाई जाती है, तब भी 'बूते का' शब्दों का प्रयोग होता है। प्रसंग इस प्रकार है-
बूढ़े वंशीधर के बूते का अब यह काम नहीं रहा।
इस पंक्ति में 'बूते' का शब्द का अर्थ पंडित की काम न करने की अमसर्थता दिखाई गई है। अर्थात अब वह काम करने लायक नहीं रहे हैं। उम्र के कारण उन्हें काम करने में असुविधा होता है।
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Question 4:
मोहन! थोड़ा दही तो ला दे बाज़ार से।
मोहन! ये कपड़े धोबी को दे तो आ।
मोहन! एक किलो आलू तो ला दे।
ऊपर के वाक्यों में मोहन को आदेश दिए गए हैं। इन वाक्यों में आप सर्वनाम का इस्तेमाल करते हुए उन्हें दुबारा लिखिए।
Answer:
- आप! बाज़ार से थोड़ा दही तो ला दीजिए।
- आप! ये कपड़े धोबी को तो दे आइए।
- आप! एक किलो आलू तो ला दीजिए।
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Question 5:
विभिन्न व्यापारी अपने उत्पाद की बिक्री के लिए अनेक तरह के विज्ञापन बनाते हैं। आप भी हाथ से बनी किसी वस्तु की बिक्री के लिए एक ऐसा विज्ञापन बनाइए जिससे हस्तकला का कारोबार चले।
Answer:
मधुबनी कला के चाहने वालों के लिए एक शानदार अवसर!
आइए इस मेले में और मधुबनी कला के सुंदर चित्र खरीदिए।
यह अवसर छूट न जाए।
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