NCERT Solutions for Class 12 Humanities Hindi Chapter 14 ब्रजमोहन व्यास are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for ब्रजमोहन व्यास are extremely popular among Class 12 Humanities students for Hindi ब्रजमोहन व्यास Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 12 Humanities Hindi Chapter 14 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 12 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.
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Question 1:
पसोवा की प्रसिद्धि का क्या कारण था और लेखक वहाँ क्यों जाना चाहता था?
Answer:
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Question 2:
''मैं कहीं जाता हूँ तो 'छूँछे' हाथ नही लौटता'' से क्या तात्पर्य है? लेखक कौशांबी लौटते हुए अपने साथ क्या-क्या लाया?
Answer:
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Question 3:
''चांद्रायण व्रत करती हुई बिल्ली के सामने एक चूहा स्वयं आ जाए तो बेचारी को अपना कर्तव्य पालन करना ही पड़ता है।''- लेखक ने यह वाक्य किस संदर्भ में कहा और क्यों?
Answer:
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Question 4:
''अपना सोना खोटा तो परखवैया का कौन दोस?'' से लेखक का क्या तात्पर्य है?
Answer:
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Question 5:
गाँववालों ने उपवास क्यों रखा और उसे कब तोड़ा? दोनों प्रसंगों को स्पष्ट कीजिए।
Answer:
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Question 6:
लेखक बुढ़िया से बोधिसत्व की आठ फुट लंबी सुंदर मूर्ति प्राप्त करने में कैसे सफल हुआ?
Answer:
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Question 7:
''ईमान! ऐसी कोई चीज़ मेरे पास हुई नहीं तो उसके डिगने का कोई सवाल नहीं उठता। यदि होता तो इतना बड़ा संग्रह बिना पैसा-कौड़ी के हो ही नहीं सकता।'' - के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
Answer:
लेखक की यह बात उस कथन ने स्पष्ट होती है, जब उसने बोधिसत्व की मूर्ति को पाने के लिए बुढ़िया को 2 रुपए दिए थे। आगे चलकर उसे उस मूर्ति के 10 हज़ार मिल रहे थे। उसने बिना सोचे-समझे वे पैसे लेने से मना कर दिया। वह चाहता अपने दिए 2 रुपए तथा मेहनत को वसूल लेता। उसने ऐसा कुछ नहीं किया। अपने कार्य के प्रति वह पूर्ण रूप से समर्पित था। यदि वह इस तरह लालच में आकर अपने कार्य से धोखा करता, तो उसका संग्रहालय कभी खड़ा ही नहीं हो पाता। उसके पास अपार संपत्ति होती। उसने संग्रहालय को अपना सबकुछ माना और पूरी ईमानदारी से उसे खड़ा किया। यह संग्रहालय उसके परिश्रम और ईमानदारी को दर्शाता है।
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Question 8:
दो रुपए में प्राप्त बोधिसत्व की मूर्ति पर दस हज़ार रुपए क्यों न्यौछावर किए जा रहे थे?
Answer:
(क) बोधिसत्व की जितनी भी मूर्तियाँ पहले मिली थी, उनसे यह सबसे पुरानी थी।
(ख) यह कुषाण सम्राट कनिष्क के समय की थी।
(ग) कुषाण सम्राट कनिष्क के राज्यकाल के दूसरे साल में वहाँ स्थापित की गई थी।
(घ) सबसे बड़ी बात कि यह अब भी पूर्ण थी। कहीं से भी खंडित नहीं थी।
(ङ) उस मूर्ति के पैरों के स्थान के पास से निम्नलिखित जानकारियाँ प्राप्त हुई थीं।
प्रायः ऐसे पुरातत्व महत्व की वस्तुओं में इस प्रकार की सभी विशेषताएँ नहीं पायी जाती है। अतः दो रुपए में प्राप्त मूर्ति पर एक फ्राँसीसी व्यक्ति द्वारा दस हजार रुपए न्यौछावर किए जा रहे थे। उसे निराशा हाथ लगी क्योंकि लेखक भी मूर्ति के महत्व से परिचित था। वह उसे देश से बाहर नहीं जाने देना चाहता था। अतः उसने भी मूर्ति पर दस हजार न्यौछावर कर दिया और उस व्यक्ति को लौटा दिया।
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Question 9:
भद्रमथ शिलालेख की क्षतिपूर्ति कैसे हुई? स्पष्ट कीजिए।
Answer:
इससे लेखक को खासा नुकसान उठाना पड़ा। अब वह इसकी क्षतिपूर्ति चाहता था। वह जानता था कि जिस गाँव से उसे यह शिलालेख मिल सकता है, तो उसे वहाँ से अन्य पुरातत्व महत्व की वस्तु मिल जाएँगी। इस उद्देश्य से वह गुलज़ार मियाँ के यहाँ जा पहुँचा। यह स्थान कौशांबी से चार से पाँच किलोमीटर दूरी पर था। गुलज़ार मियाँ के घर के ही बार एक कुआँ था। इसके चबूतरे पर चार खंभे थे। जब लेखक ने बँडेर पर देखा, तो उस पर ब्राह्मी अक्षरों से लिखा हुआ था। लेखक के कहने पर गुलज़ार ने उन्हें खुदवाकर लेखक को दे दिया। इस तरह लेखक की भद्रमथ के शिलालेख की क्षति-पूर्ति हो गई।
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Question 10:
Answer:
लेखक इन लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट करता है-
(क) डॉ पन्नालाल, आई.सी.एस.
(ख) डॉ ताराचंद
(ग) पंडित जवाहर लाल नेहरू
(घ) मास्टर साठे और मूता
(ङ) रायबहादुर कामता प्रसाद
(च) हिज हाइनेस श्री महेंद्र सिंह जू देव नागौद नरेश
(छ) सुयोग्य दीवान लाल भार्गवेंद्र सिंह
(ज) स्वामीभक्त अर्दली जगदेव
डॉक्टर सतीशचंद्र काला को अपने संग्रहालय का अभिभावक बनाकर लेखक निश्चिंत हो गया।
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Question 1:
निम्नलिखित का अर्थ स्पष्ट कीजिए
(क) इक्के को ठीक कर लिया
(ख) कील काँटे से दुरस्त था।
(ग) मेरे मस्तक पर हस्बमामूल चंदन था।
(घ) सरखाब का पर
Answer:
(क) इक्के (रिक्शा) को अपने साथ ले जाने के लिए उससे पैसे की बात कर ली।
(ख) मार्ग में बहुत तरह की परेशानी आती है। लेकिन पहले वाली परेशानी से अब की परेशानी अधिक सही थी।
(ग) मेरे सिर पर चंदन का तिलक वैसे का वैसा था।
(घ) स्वयं को अति विशिष्ट मानना।
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Question 2:
लोकोक्तियों का संदर्भ सहित अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(क) चोर की दाढ़ी में तिनका
(ख) ना जाने केहि भेष में नारायण मिल जाएँ
(ग) चोर के घर छिछोर पैठा
(घ) यह म्याऊँ का ठौर था
Answer:
(क) रजत पुलिस को देखकर घबरा गया, किसी ने सही कहा है कि चोर की दाढ़ी में ही तिनका होता है। अर्थात जिसने गलत किया होता है वह अपनी जुर्म भावना से ही घबरा जाता है।
(ख) हमें किसी का अपमान नहीं करना चाहिए ना जाने केहि भेष में नारायण मिल जाएँ। अर्थात सबका सम्मान करना चाहिए क्योंकि हम नहीं जानते वह कब भगवान के समान हमारी रक्षा कर जाए।
(ग) नत्थू का सामान किसी ने उड़ा लिया किसने चोर के घर छिछोर पैठा किया है। अर्थात चोर के घर चोरी करने की हिम्मत करना।
(घ) रतन का घर ऐसा था, जैसे म्याऊँ का ठौर हो। अर्थात बिल्ली के छिपने का स्थान।
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Question 1:
अगर आपने किसी संग्रहालय को देखा हो तो पाठ से उसकी तुलना कीजिए।
Answer:
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Question 2:
अपने नगर में अथवा किसी सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय संग्रहालय को देखने की योजनाएँ बनाएँ।
Answer:
सभी विद्यार्थी योजनाएँ बनाएँ।
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Question 3:
लोकहित संपन्न किसी बड़े काम को करने में ईमान/ईमानदारी आडे आए तो आप क्या करेंगे।
Answer:
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