Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
यहाँ के लोगों को अपनी खूबसूरती नज़र नहीं आती, मगर पराए के सौंदर्य को देखकर मोहित हो जाते हैं। जिस देश में जन्म पाने के लिए मैक्समूलर ने जीवन-भर प्रार्थना की उस देश के निवासी आज जर्मनी और विलायत जाना –स्वर्ग जाना –जैसा अनुभव करते हैं। ऐसे लोगों को प्राचीन 'गुरू शिष्य संबंध' की महिमा सुनाना गधे को गणित सिखाने जैसा व्यर्थ प्रयास ही हो सकता है।
एक बार सुप्रसिद्ध भारतीय पहलवान गामा मुंबई आए। उन्होंने विश्व के सारे पहलवानों को कुश्ती में चैलेंज दिया। अखबारों में यह समाचार प्रकाशित होते ही एक फ़ारसी पत्रकार ने उत्सुकतावश उनके निकट पहुँच कर उनसे पूछा - "साहब, विश्व के किसी भी पहलवान से लड़ने के लिए आप तैयार हैं तो आप अपने अमुक शिष्य से ही लड़कर विजय प्राप्त करके दिखाएँ?" गामा आजकल के शिक्षा-क्रम में रँगे नहीं थे। इसलिए उन्हें इन शब्दों ने हैरान कर दिया। वे मुँह फाड़कर उस पत्रकार का चेहरा ताकते ही रह गए। बाद में धीरे से कहा - "भाई साहब मैं हिंदुस्तानी हूँ। हमारा अपना एक निजी रहन-सहन है। शायद आप इससे परिचित नहीं हैं। जिस लड़के का आपने नाम लिया, वह मेरे पसीने की कमाई, मेरा खून है और मेरे बेटे से भी अधिक प्यारा है। इसमें और मुझमें फर्क ही कुछ नहीं है। मैं लड़ा या वह लड़ा दोनों बराबर ही होगा। हमारी अपनी इस परंपरा को आप समझने की चेष्टा कीजिए। हम लोगों को वंश-परंपरा ही अधिक प्रिय है। ख्याति और प्रभाव में हम सदा यही चाहते हैं कि हम अपने शिष्यों से कम प्रमुख रहें। यानी हम यही चाहेंगे कि संसार में जितना नाम मैंने कमाया उससे कहीं अधिक मेरे शिष्य कमाएँ। मुझे लगता है, आप हिंदुस्तानी नहीं हैं।"
भारत में गुरू-शिष्य संबंध का वह भव्य रूप आज साधुओं, पहलवानों और संगीतकारों में ही थोड़ा ही सही, पाया जाता है। भगवान रामकृष्ण बरसों योग्य शिष्य को पाने के लिए प्रार्थना करते रहें। उनके जैसे व्यक्ति को भी उत्तम शिष्य के लिए रो-रो कर प्रार्थना करनी पड़ी। इसी से समझा जा सकता है कि एक गुरू के लिए उत्तम शिष्य कितना महँगा और महत्वपूर्ण है। संतानहीन रहना उन्हें दु:ख नहीं देता पर बगैर शिष्य के रहने के लिए वे एकदम तैयार नहीं होते। इस संबंध में भगवान ईसा का एक कथन सदा स्मरणीय है। उन्होंने कहा था, "मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूँ वह भी करेगा, वरन् इससे भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूँ।" यही बात है, गांधी जी बनने की क्षमता जिनमें है, जिन्हें गांधी जी अच्छे लगते हैं और वे ही उनके पीछे चलते हैं। विवेकानंद की रचना सिर्फ उन्हें पसंद आएगी जिनमें विवेकानंद बनने की अद्भुत शक्ति निहित है।
कविता के मर्मज्ञ और रसिक स्वयं कवि से अधिक महान होते हैं। संगीत के पागल सुनने वाले ही स्वयं संगीतकार से अधिक संगीत का रसास्वादन करते हैं। यहाँ पूज्य नहीं, पुजारी ही श्रेष्ठ है। यहाँ सम्मान पाने वाले नहीं, सम्मान देने वाले महान हैं। स्वयं पुष्प में कुछ नहीं है, पुष्प का सौंदर्य उसे देखने वाले की दृष्टि में है। दुनिया में कुछ नहीं है। जो कुछ भी है हमारी चाह में, हमारी दृष्टि में है। यह अद्भुत भारतीय व्याख्या अजीब-सी लग सकती है पर हमारे पूर्वज सदा इसी पथ के यात्री रहे हैं।
उत्तम गुरू में जाति-भावना भी नहीं रहती। कितने ही मुसलमान पहलवानों के हिंदू चेले हैं और हिंदू संगीतकारों के मुसलमान शिष्य रहे हैं। यहाँ परख गुण की, साधना की और प्रतिभा की होती है। भक्ति और श्रद्धा की ही कीमत है, न कि जाति संप्रदाय, आचार-विचार या धर्म की। मुझे पढ़ाया-लिखाया था –एक विद्वान मुसलमान ने ही। उन्होंने कभी नहीं सोचा कि यह हिंदू है और इसे मुसलमान बनाना चाहिए। पुराने ज़माने में मौलवी लोग बड़े-बड़े रामायणी होते थे और आज भी देहातों में भरत मियां, रामू मियां, रंजीत मियां आदि अधिक संख्या में दिखाई देते हैं।
(i) किन लोगों को गुरू-शिष्य संबंध की महिमा समझाना असंभव कार्य है? (2)(ii) गामा ने पत्रकार को हैरान होकर क्यों देखा? (2)
(iii) सच्चा गुरू अपने शिष्य के विषय में किस प्रकार का विचार रखता है? (2)
(iv) वर्तमान समय में गुरू-शिष्य संबंध का थोड़ा-बहुत भव्य रूप कहाँ दिखाई देता है? (2)
(v) कविता के मर्मज्ञ और रसिक कवि से भी महान क्यों होते हैं? (2)
(vi) सच्चे गुरू के लिए किस चीज़ का अधिक महत्त्व होता है? (2)
VIEW SOLUTION
- Question 2
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।।
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं।
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।।
हो गए इक आन में उनके बुरे दिन भी भले।
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले।।
व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर।
वे घने जंगल जहाँ रहता है तम आठों पहर।।
गरजती जल-राशि की उठती हुई ऊँची लहर।
आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लहर।।
भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं।।
चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवें बना।
काम पड़ने पर करें जो शेर का भी सामना।।
जो कि हँस-हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना।
है कठिन कुछ भी नहीं जिनके है जी में यह ठना।।
कोस कितने ही चलें पर वे कभी थकते नहीं।
कौन सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं।।
पर्वतों को काटकर सड़कें बना देते हैं वे।।
गर्भ में जल-राशि के बेड़ा चला देते हैं वे।
जंगलों में भी महा-मंगल रचा देते हैं वे।।
भेद नभ-तल का उन्होंने बहुत बतला दिया।
है उन्होंने ही निकाली तार की सारी क्रिया।।(i) किस प्रकार के व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं? (2)
(ii) कर्मवीर या परिश्रमी व्यक्ति को कौन-सी परिस्थितियाँ विचलित नहीं कर सकतीं? (2)
(iii) 'चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवें बना' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(iv) उपरोक्त पंक्तियों में कवि ने क्या सन्देश दिया है? (1)
(v) इन पंक्तियों में से कोई दो मुहावरे छाँटकर लिखिए। (1)
अथवा
बहुत रोकता था सुखिया को,
'न जा खेलने को बाहर'
नहीं खेलना रूकता उसका
नहीं ठहरती वह पल-भर।
मेरा हृदय काँप उठता था,
बाहर गई निहार उसे।
यही मनाता था कि बचा लूँ
किसी भाँति इस बार उसे।
भीतर जो डर रहा छिपाए,
हाय! वही बाहर आया।
एक दिवास सुखिया के तन को,
ताप-तप्त मैंने पाया।
ज्वर में विह्वल हो बोली वह,
क्या जानूँ किस डर से डर।
मुझको देवी के प्रसाद का,
एक फूली ही दो लाकर।
क्रमश: कंठ क्षीण हो आया,
शिथिल हुए अवयव सारे।
दीप-धूप से आमोदित था
मंदिर का आँगन सारा,
गूँज रही थी भीतर-बाहर
मुखरित उत्सव की धारा।
भक्त-वृंद मधुर कंठ से,
गाते थे सभक्ति मुद-मय
'पतित-तारिणी, पाप-हारिणी
माता तेरी जय-जय-जय!'
'पतित-तारिणी, तेरी जय-जय'
मेरे मुख से भी निकला,
बिना बढ़े ही मैं आगे को
जाने किस बल से ढिकला।
मेरे दीप-फूल लेकर व
अंबा को अर्पित करके,
दिया पुजारी ने प्रसाद जब
आगे को अंजलि भरके,
भूल गया उसका लेना झट,
परम लाभ-सा पाकर मैं।
सोचा बेटी को माँ के ये
पुण्य पुष्प दूँ जाकर मैं।
सिंहिपौर तक भी आंगन से,
नहीं पहुंचने मैं पाया,
सहसा यह सुन पड़ा कि – 'कैसे
यह अछूत भीतर आया?
पकड़ो, देखो भाग न जाए,
बना धूर्त यह है कैसा,
साफ-स्वच्छ परिधान किए है,
भले मानुषों के जैसा!
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी,
कलुषित कर दी है मंदिर की
चिरकालिक शुचिता सारी।'
कुछ न सुना भक्तों ने, झट से
मुझे घेरकर पकड़ लिया,
मार-मराकर मुक्के-घूंसे
धम-से नीचे गिरा दिया।
मेरे हाथों से प्रसाद भी
बिखर गया हा! सब-का-सब,
हाय! अभागी बेटी, तुझ तक
कैसे पहुँच सके यह अब!
अंतिम बार गोद में बेटी,
तुझको ले न सका मैं हा!
एक फूल माँ के प्रसाद का
तूझको दे न सका मैं हा!(i) सुखिया के पिता के मन में किस प्रकार का भय विद्यमान था? (1)
VIEW SOLUTION
(ii) ज्वर की स्थिति में सुखिया ने अपने पिता से क्या कहा? (1)
(iii) पुजारी से प्रसाद लेकर सुखिया के पिता ने क्या सोचा? (2)
(iv) भक्तों ने सुखिया के पिता की पिटाई क्यों की? (2)
(v) प्रसाद धरती पर बिखर जाने पर सुखिया के पिता के मन में क्या विचार उभरा? (2)
- Question 3
'नवभारत टाइम्स' नई दिल्ली के संपादक को दीक्षा की ओर से एक पत्र लिखिए, जिसमें सड़क-परिवहन के नियमों की उपेक्षा करने वालों के प्रति पुलिस के ढीले-ढाले रवैये पर चिंता व्यक्त की गई हो।
अथवा
दैनिक समाचार-पत्र के संपादक के नाम एक पत्र लिखिए जिसमें सूखे से जूझते लोगों की कठिनाइयों का वर्णन हो।
VIEW SOLUTION
- Question 4
दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए –
(क) अवसर को मत खोइए (सुअवसर की पहचान, अवसर का सर्वोत्तम उपयोग, अवसर लौट कर नहीं आता)
(ख) भोर का सौंदर्य (भोर का सौंदर्य सबसे निराला, भोर के विविध दृश्य, भोर के समय प्रकृति का रुप)
(ग) परोपकार (परोपकार सबसे श्रेष्ठ धर्म, परोपकार का सुख, परोपकार मनुष्यता की पहचान)
(घ) दहेज : एक कुप्रथा (दहेज एक निंदनीय प्रथा, दहेज के दुष्परिणाम, दहेज लेना और देना अपराध)
VIEW SOLUTION
- Question 5
(i) शब्द और पद का अंतर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (2)
(ii) नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबन्ध का प्रकार बताइए – (1 + 1)
(क) सफ़ेद बालों वाली एक बुढ़िया गलियाँ दे रही थी।
(ख) अपनी प्रेमिका की आँसू भरी आँखों को देखकर वह भी उदास हो गया।
VIEW SOLUTION
- Question 6
निर्देशानुसार उत्तर दीजिए –
(i) धोबी ने कहा कि वह धोबिन को घर में नहीं रखेगा। (वाक्य–प्रकार लिखिए)
(ii) न ही वह मुझे पहचानती है और न ही मैंने उसे कभी देखा है। (वाक्य–प्रकार लिखिए)
(iii) रावण का पुतला जलने के बाद आतिशबाज़ियाँ छोड़ी गईं। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iv) वह मुंबई जाने के लिए कह रहा था। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
VIEW SOLUTION
- Question 7
निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(i) महेश (संधि विच्छेद कीजिए)
(ii) परम + आत्मा (संधि कीजिए)
(iii) चन्द्रशेकर (विग्रह कर समास का नाम लिखिए)
(iv) वह आजीवन नौकरी ही करेगा। (रेखांकित पद के समास का प्रकार बताइए)
(v) सुअवसर (उपसर्ग बताइए)
(vi) 'अन' (उपसर्ग से एक शब्द बनाइए)
(vii) अपमान (प्रत्यय बताइए)
(viii) 'वान' (प्रत्यय से एक शब्द बनाइए)
VIEW SOLUTION
- Question 8
(क) दिए गए मुहावरों अथवा लोकोक्तियों में से किन्हीं दो को इस प्रकार वाक्यों में प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए – (1 + 1)
(i) आँखें बिछाना
(ii) थाली का बैंगन होना
(iii) अँगूठा दिखाना
(iv) हाथ कंगन को आरसी क्या
(ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरे/लोकोक्ति द्वारा कीजिए – (1 + 1)
(i) उसने यदि मुझे धोखा दिया तो मैं उसे ............. दिला दूँगा।
(ii) अब्दुल कलाम बचपन से ही मेधावी थे। उन्हें देखकर कहा जा सकता था ................
VIEW SOLUTION
- Question 9
(i) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए – (2)
गंगा, कमल, शिव, चन्द्रमा
(ii) निम्नलिखित में से किन्हीं दो के विलोम शब्द लिखिए – (1)
अनुकूल, दिवस, धूप, धनी
(iii) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द से दो अलग-अलग अर्थ देने वाले वाक्य बनाइए – (1)
ग्रहण, आम
VIEW SOLUTION
- Question 10
निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।(i) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)
(ii) 'अँधियारा' तथा 'दीपक' शब्द का वास्तविक अर्थ स्पष्ट कीजिए। (1)
(iii) इस दोहे का भाव स्पष्ट कीजिए। (2)
(iv) 'जब मैं था तब हरि नहीं' का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
अथवा
(ख) सौरभ फैला विपुल धूप बन,
मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन;
दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित,
तेरे जीवन का अणु गल गल!
पुलक पुलक मेरे दीपक जल!(i) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)
(ii) 'मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन ' का भाव स्पष्ट कीजिए। (1)
(iii) कवयित्री दीपक को पुलक पुलक कर जलने के लिए क्यों कहती है? (2)
(iv) इन पंक्तियों में कवयित्री ने क्या संदेश दिया है? (2)
VIEW SOLUTION
- Question 11
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)
(i) पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ii) 'आत्मत्राण' कविता में कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
(iii) कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?
(iv) 'कर चले हम फिदा' कविता में कवि ने किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
VIEW SOLUTION
- Question 12
(i) 'मनुष्य मात्र बंधु है' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए। (3)
(ii) 'सर हिमालय का हमने न झुकने दिया' इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है? (2)
VIEW SOLUTION
- Question 13
निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(क) बड़े बाज़ार के प्राय: मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था और कई मकान तो ऐसे सजाए गए थे कि ऐसा मालूम होता था कि मानो स्वतंत्रता मिल गई हो। कलकत्ते के प्रत्येक भाग में ही झंडे लगाए गए थे। जिस रास्ते से मनुष्य जाते थे उसी रास्ते में उत्साह और नवीनता मालूम होती थी। लोगों का कहना था कि ऐसी सजावट पहले नहीं हुई। पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी। मोटर लारियों में गोरखे तथा सारजेंट प्रत्येक मोड़ पर तैनात थे। कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं। घुड़सवारों का प्रबंध था। कहीं भी ट्रैफ़िक पुलिस नहीं थी, सारी पुलिस को इसी काम में लगाया गया था। बड़े-बड़े पार्को तथा मैदानों को पुलिस ने सवेरे से ही घेर लिया था।
मोनुमेंट के नीचे जहाँ शाम को सभा होने वाली थी उस जगह को तो भोर में छह बजे से ही पुलिस ने बड़ी संख्या में घेर लिया था पर तब भी कई जगह तो भोर में ही झंडा फहराया गया। श्रद्धानंद पार्क में बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तो पुलिस ने उनको पकड़ लिया तथा और लोगों को मारा या हटा दिया। तारा सुंदरी पार्क में बड़ा-बाज़ार कांग्रेस कमेटी के युद्ध मंत्री हरिश्चंद्र सिंह झंडा फहराने गए पर वे भीतर न जा सके। वहाँ पर काफ़ी मारपीट हुई और दो-चार आदमियों के सिर फट गए। गुजराती सेविका संघ की ओर से जुलूस निकला जिसमें बहुत-सी लड़कियाँ थीं उनको गिरफ़्तार कर लिया।
(i) कलकत्ता के बड़े बाज़ार को क्यों और किस प्रकार सजाया गया था? (2)
(ii) मोनुमेंट के आसपास पुलिस कर्मचारियों की संख्या अधिक क्यों थी? (2)
(iii) तारा सुन्दरी पार्क में पुलिस कर्मचारियों ने लोगों से कैसा व्यवहार किया? (2)
अथवा
(ख) किसी तरह रात बीती। दोनों के हृदय व्यथित थे। किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुज़रने लगा। शाम की प्रतीक्षा थी। तताँरा के लिए मानो पूरे जीवन की अकेली प्रतीक्षा थी। उसके गंभीर और शांत जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचंभित था, साथ ही रोमांचित भी। दिन ढलने के काफ़ी पहले वह लपाती की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच गया। वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था। उसके भीतर एक आशंका भी दौड़ रही थी। अगर वामीरो न आई तो? वह कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा था। सिर्फ़ प्रतीक्षारत था। बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी। वह बार-बार लपाती के रास्ते पर नज़रें दौड़ाता। सहसा नारियल के झुरमुटों में उसे एक आकृति कुछ साफ़ हुई... कुछ और... कुछ और। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। समुच वह वामीरो थी। लगा जैसे वह घबराहट में थी। वह अपने को छुपाते हुए बढ़ रही थी। बीच-बीच में इधर-उधर दृष्टि दौड़ाना न भूलती। फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। दोनों शब्दहीन थे। कुछ था जो दोनों के भीतर बह रहा था। एकटक निहारते हुए वे जाने कब तक खड़े रहे। सूरज समुद्र की लहरों में कहीं खो गया था। अँधेरा बढ़ रहा था। अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ पड़ी। तताँरा अब भी वहीं खड़ा था... निश्चल... शब्दहीन।
(i) तताँरा वामीरो की व्यग्रता से प्रतीक्षा क्यों कर रहा था? (2)
(ii) नारियल के झुरमुटों की ओर देखते हुए तताँरा अचानक आनंदित क्यों हो गया? (2)
(iii) तताँरा और वामीरो ने एक दूसरे के निकट आने के पश्चात् कैसा व्यवहार किया? (2)
VIEW SOLUTION
- Question 14
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)
(i) बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?
(ii) विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
(iii) फिल्म 'श्री 420' के गीत 'रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियां' पर संगीतकार जय किशन ने आपत्ति क्यों की?
(iv) किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी—ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
VIEW SOLUTION
- Question 15
(i) वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया? (3)
(ii) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया? (2)
VIEW SOLUTION
- Question 16
निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए –
(i) कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या सम्बन्ध है और इसके क्या कारण हैं?
(ii) हैडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअत्तल कर दिया?
VIEW SOLUTION
- Question 17
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (2 + 2 + 2)
(i) हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?
(ii) लेखक के अनुसार उन्हें स्कूल खुशी से जाने की जगह न लगने पर भी कब और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने लगा?
(iii) टोपी और इफ़्फ़न की दादी में कैसा सम्बन्ध था?
(iv) टोपी ने कसम क्यों खाई कि वह ऐसे लड़के से दोस्ती नहीं करेगा जिसके पिता की बदली होती रहती हो?
VIEW SOLUTION
-
Board Paper of Class 10 2023 Hindi (A) Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2023 Hindi (A) Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2023 Hindi (A) Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 Hindi (A) Term-II 2022 Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 Hindi (B) Term-II 2022 Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 Hindi (B) Term-II 2022 Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 Hindi (A) Term-I 2021 Delhi(SET 4) (Series: JSK/2)- Solutions
-
Board Paper of Class 10 Hindi (B) Term-I 2021 Delhi(SET 4) (Series: JSK/2)- Solutions
-
Board Paper of Class 10 2020 Hindi (A) Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2020 Hindi (B) Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2019 Hindi (A) Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2019 Hindi (A) Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2019 Hindi (A) Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2019 Hindi (B) Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2018 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2018 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2018 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2018 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi All India(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2017 Hindi Abroad(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi All India(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2016 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2015 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2015 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2015 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2015 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2014 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2014 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2014 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2014 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2013 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2012 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2011 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2010 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2010 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2010 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2010 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2010 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2010 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi All India(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2009 Hindi All India(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi All India(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi All India(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2008 Hindi All India(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2007 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2006 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2005 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2005 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2005 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2004 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2004 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2004 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2004 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2004 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2004 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2003 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2003 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2003 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2002 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2002 Hindi Delhi(SET 2) - Solutions
-
Board Paper of Class 10 2002 Hindi Delhi(SET 3) - Solutions